क्या कहूँगा उससे रहबर मेरे
क्या कहूँगा उससे रहबर मेरे
जिस-दिन वो आ बैठा बराबर मेरे
उसके बाद मैं खुद का नही हो पाया
वो किसी और के हो गए हो कर मेरे
उसका उसके लड़कों का हाल पूछूँगा
फिर बात रुक जाएगी हाँ पर मेरे
मैं कहूंगा सब ठीक है,सब खुश हैं
और सारे दोस्त हैं मुझसे बेहतर मेरे
बड़ी हिम्मत है उसमे वो रोयेगी नही
मैं रो दूँगा,नैन हो जाएंगे तर मेरे