शायरों के अपने दुखड़े है ..............149

 



किसी के कहने से हम चलते नही है।

ठोकरों से भी हम सम्भलते नही है।

 

शायरों के अपने दुखड़े है शमन
ख़ुशी के माहौल ज्यादा टिकते नही है।

 

शायरी लगती सौतन है मेरे महबूब को
कहती है हम उससे प्यार करते नही है।

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