ये क्या कैसे हुआ इसमे कुछ तो राज था........................115



 

 ये क्या कैसे हुआ इसमे कुछ तो राज था

ये मेरे गलत समय का शायद आगाज था

वो मेरा आखिरी दोस्त भी छोड़ गया मुझे
इस दोस्त पर तो हमे बहुत ज्यादा नाज था


क्या छुटा, बिगड़ा क्या,क्या गलती थी यार
माफ करदे तेरा माफ करना तो मिजाज था

मैं इल्जाम हटाकर तुझको झूठा नही करूँगा
अब वो मेरा राज है जैसे वो तेरा राज था

तू जा पर मेरी टूटी फूटी दुआएँ लेता जा
अब काम नही है,इनका तेरा ही तो काम था

शमन याद भी आये तो लौट कर मत आना
समझ लेना कि गुजरी कहानी का नाम था।

No comments:

Post a Comment