सफ़र तक पहुंचा ये बराबर चलने से हुआ.............111



 सफ़र तक पहुंचा ये बराबर चलने से हुआ

तेरा जिंदगी में आना किसी के जाने से हुआ

 

मैं समंदर था और फिर देखकर तुम्हारी आँखे
मेरा भी मन उनमे डूब जाने को हुआ

 

सुना है बड़े दौलत मन्द थे पुरखे हमारे भी
लेकिन अमीर मैं इश्क कमाने से हुआ

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