ख्वाइश ये की सबको पसन्द आना...................110

 


 ख्वाइश ये की सबको पसन्द आना

और मुताबिक उनके फिर बदल जाना

 

तुम्ही ने बनाया है भूलभुलैया मुझको
आखिरी रास्ता हूँ तुम्ही न भूल जाना

 

एक तुम्ही हो जो मुझको जान-ते हो 
लोगों की तो आदत है अंदाजा लगना

 

जितना तू जानती है मेरे बारे में उतना
मेरे खुद बसका नही खुद को समझ पाना

 

मुझे मालूम है तू वापस नही लौटेगी पर
जिसे ताउम्र तकता रहूँ वो राह बता जाना

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