कई दिन एक यही सिलसिला चलता रहा ...................102


 

 कई दिन एक यही सिलसिला चलता रहा 

उसकी यादें मुझे और मैं सिगरेट पीता रहा

 

वो खुली किताब थी भाषा कुछ अलग थी
मुझे हिंदी आती पर वो मैं किताब पढता रहा

 

बहुत प्यारा सा एक फुहारे सा कुछ था
जिसने एक बार छुआ उम्र भर जलता रहा

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