धुंआ हो गयी...............46

 वो मुझसे मिली और धुंआ हो गयी

मैं आज भी आसमान को देखता रहता हूँ।

वो गलती जो मुझसे हुई ही नही थी
फिर भी मैं खुद को ही कोसता रहता हूँ।

मैं सच और वो झूठ की कसमें खाती गयी
मैं अब उन कसमों में भी सच्चाई ढूंढता रहता हूँ।

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