बड़े नाजुक है ये रिस्ते पैसे से इश्क वाले
दिल के इस धागे को लगाम समझ लेते है।प्यार की जरूरत नही समझते हैं ये
ये प्यार को जरूरत का काम समझ लेते है।
लड़कियां समझ नही पाती है एक लड़का
हम लड़की को अपना ईमान समझ लेते है।
इतनी परीक्षा ले रहा है सरकार सा इश्क,तो
चलो हम जिंदगी को इंतहान समझ लेते है।
सही भी है तो मर जाते है वो लोग,जो इश्क
के अंजाम को खुद की साम समझ लेते है।
इतनी तरह से लिखकर देखा है तुझे हमने अब
हर लॉ ऑफ एकुशन में तेरा नाम समझ लेते है
मिलो बैठते है बाहों में बाहें डालकर कहीं
है कितनी पुरानी बातें अभी याद समझ लेते है।
पढ़-लिखकर पागल तो हो ही गए है ये लौडे
चाँद पर जाने की कहकर,लड़की को चाँद समझ लेते है।