तू ही तू.23

हूर भी तू ,मशहूर तू
पास भी तू, दूर भी तू
दवा भी तू ,दुआ भी तू
जख्म भी तू, नासूर भी तू
कई बरस से मुझ में बैठी
है दूर दूर से दूर भी तू

झूट भी तू सच भी तू
आज भी तू कल भी तू
तेरे सहारे बैठा मैं
रज रज के रज दे तू, या
कटे जिंदगी जिसके सहारे
बात आखिरी दस दे तू


रोना ये जिनको पढ़कर
क्यूं ऐसी बातें लिक्खे तू
बस तुझे पता है क्या है तू
मोहे हर जगह ही दिक्खे तू
-shman

मैं नही कहता लड़कियां गलत हैं 22

तेरे इश्क़ के फरमाने बहुत हैं
हम पे बीते जमाने बहुत हैं

हम तो बस तड़प कर रह गए
तूम को तो आंशू आने बहुत हैं

मैं ये नही कहता लड़कियां गलत हैं
टाइम पास के लिए याराने बहुत हैं
                 -shman

मैं न्यूज वाला हूँ चूतिया बनाता हूँ21


अखाड़े खुदवाये हैं पैतरा बताता हूँ
कार्यकर्ता लड़ें इसलिए नेता लड़ता हूँ
मुझको TRP की इतनी पड़ी है
अखाड़े के होस्ट को लड़की रखी है
जो फाड़ पाए मेरी या पास पैसा हो
मैं केवल उससे ही हमदर्दी जताता हूँ
सौ की सीधी बात एक सबको बताता हूं
मैं न्यूज़ वाला हूँ चूतिया बनाता हूँ

                            -shman

हम भी खराब चलते हैं20

1.हम थोड़ा वक्त के हिसाब से चलते हैं
जितना वो चलता है उससे ज्यादा हम खराब चलते हैं


2. वक्त की खैर छोड़ो अपने आप पे अड़ लिया जाय
जो होना है होगा जो नही होना है कर लिया जाय.


3.आजीब सिहरन है इश्क की भी।
औकात रोड पर आ जाती है आदमी की भी।

पलटते लोग बातो से
तड़पते लोग बातो से..

शायद जो ये है इस लिए मुझसे इश्क नही होता
कमियां मुह पर कहता और तारीफ नही करता

शायर 18

पता नही खुद को मैं ऐसा क्यों लगता हूँ
जब आईना देखता हूँ तो शायर स लगता हूँ

कई कई लोगों के! मेरी बात लगती है
और कई लोगो के तो मैं खुद लग जाता हूँ।
                       -  shman

कुछ शायरी17













पहली बार नही हर बार हुआ है
उसे हर तीसरे से प्यार हुआ है
बहुत लोग आए हैं इस आग चपेट में
शमन पहला नही जो बेजार हुआ है
मुझको भी उसी से प्यार हुआ है

                        - शमन




लोगों की जितनी बड़ी पूरी कहानी होती है ना
उतना बड़ा शिर्फ़ मेरा एक पल का किस्सा है।

लेकिन उसके कुछ पल की बातें इतना छू गयी
मेरी सारी जिंदगानी उसके एक पल का शिर्फ़ हिस्सा है।


                        -  shman



ये हालात पैदा करने वाले हाल पुछते है।
कैसे गुजरा पूरा एक साल पूछते है।
मैं हारा था जिस गलती से पिछली बार
वो फिर से मेरी अगली चाल पूछते है।

                       -शमन


मुझे गुस्सा आता नही है
आने के बाद जाता नही है

मैं परेशान हूं इस फितरत से
कोई इसे बदल पाता नही है।
           -शमन


जिसका कोई नही मैं उसके सर का ताज हूँ,
बीत गया था कल मैं फिर भी मैं आज हूँ,
अंदाज कोई कैसे लगाए बुनियाद शमन की
जब मैं सब कुछ कह दूं तब भी मैं राज हूँ।
                       -shman
  

उसकी वोर चलता रहूँ 16


ताउम्र उसके प्यार के कसीदे पढ़ता रहूँ
वो न देखे फिर भी उसकी वोर चलता रहूँ
या खुदा इतनी पैमानी बक्स मुझे
जितना भी कहता हूँ उतना ही करता रहूँ


-शमन

भी नही15




कुछ हुआ होगा वो लौट कर आया भी नही
मैंने फोन किया था उसने उठाया भी नही

शमन मैं उसके दिल में रहने जाऊं तो कैसे
मेरे पास महंगे मकान का किराया भी नही

दोस्त कहने लगे और मैं गया था उसको
उठाने, लेकिन गया मुझसे उठाया भी नही

पिछले कई वर्षो का वक्त मैने कर दिया जाया
अब लिखता हूँ तो लगता है वो जाया भी नही

क्यों अदा करूँ रिवाज रिस्तों के और रस्में,
रिस्तेदारों का नमक तो मैने खाया भी नही

-shman

बेकार हैं 14


कई मुंसी बने बैठे है किरदार में
फिर भी आना चाहते हैं सरकार में
पहले मुझे अकेले को लगता था
अब कई लोग कहते है बेकार हैं
-shman

ईद 13.

न मिलने सा मिलना, दूरी सी दूर मिली
तन्हाई जो न मिलनी थी वो मुझको खूब मिली
लोग मिलते है जैसे अब की ईद 'शमन"
मुझको ऐसे ही सब दिन महबूब मिली
                         -shman