जिंदगी के एक सफ़र में इतने सारे सफ़र होते हैं।....................121




 जिंदगी के एक सफ़र में इतने सारे सफ़र होते हैं।
कभी अकेले हम सफ़र में!कभी कई सारे हमसफ़र होते है

 

तुम साथ होते तो पत्थर काट कर बना लेते हम सफ़र
तुम्हारे बिन कितने लम्बे हर लम्हे के सफर होते हैं

हर रुकती गड़ी से मुझको तू उतरती नजर आती है
जब तू खुद तेरे साथ होती है तो कैसे तेरे सफ़ऱ होते हैं

मेरे जैसे भी बैठे है यहाँ जो ये सब बस देखते रहते है
कुछ बहुत खुश लोग मिलते है जिनके अच्छे सफ़ऱ होते हैं

No comments:

Post a Comment