कुर्सी..................59

 लोग कई रातों से कुर्सी के लिए जागे है

रात के सपने भी कुर्सी से ही जुड़े हैं

 

कई सपन मिले तो कई सपने में रहै है
उनके दूसरे अपने हैं अपने न रहे हैं।

 

कर्म क्षेत्र को कुरुक्षेत्र में बदल रहे है
वही धर्मरक्षा,सन्ति की बात कर लगे हैं

 

लोग कई...........

 

नींद में भी कुर्सी के लिए बातें करते हैं
और कुर्सी से कुछ मतलब नही रखते हैं

 

खुद हारे हैं और हराने में विश्वास है
कुर्सी की कोई भी नही आश हैं

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