वो याद होने का इस तरह पता देते।
नाम लेकर वो चरागों को बुझा देते।
मुझे अपने अहसानो के नीचे दबा देतेयाद हो अब भी,वो फोन पर बता देते
रोशनी की भीख माँगी थी उनसे
वो मेरा घर न जलाते तो क्या करते।
मरने तक न छोड़ जाने का वादा था
वो मुझे मार न देते तो तो क्या करते।
मेरे जिंदगी से उनकी अपनी उलझने हैंजिंदा होने का पता न लेते तो क्या करते
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