उसके सोने से बाद सोता हूँ
जगने के पहले जग जाता हूँ
बड़े काम को उसमें खोकरयूँ ही बेमतलब कर जाता हूँ
इससे पहले मैं ज्यादा सोता थाजब प्यार नही हुआ करता था
बिगड़ा मत समझो बसकम सोता इसलिए टहलने जाता हूँ।
जो सोने पर नष्ट कियाउस समय पर पछतावा है।
ये प्यार भी तोड़ापहले क्यों न हो पाया है।
कई बार हंस कर मैंखुद ही को झुठलाता हूँ।
वो सच्ची बातें फिरमैं क्यों न समझा पाता हूँ।
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