कोशिशें जारी है फिर मुस्कुराने की......
फिर वही सोचकर वही न दोहराने की.....
मरना होता तो कब का मर गया होताअपना घर होता तो चल दिया होता
अब निकाल फेको मुझे दिल से बाहरतुम्हे जल्दी होगी अपना घर सजाने की...
शमन जीने से जिंदगी बाज नही आएगाघर से निकाला है तो मर नही जाएगा
बड़े अनुभव कामये है मैने दुनिया मेंबात वही आयी है कुछ कर गुजरने की.....एक लगन लगी है खुद को आजमाने सीख्वाइशें हैं ख्वाईशो से ऊपर जाने की
बड़ी तकलीफ होती है उस मोड़ के बादजहां आदत है मुझको मुकर जाने की
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