कोशिशें जारी है फिर मुस्कुराने की...... ...........90

 कोशिशें जारी है फिर मुस्कुराने की...... 

फिर वही सोचकर वही न दोहराने की.....

 

मरना होता तो कब का मर गया होता
अपना घर होता तो चल दिया होता

 

अब निकाल फेको मुझे दिल से बाहर
तुम्हे जल्दी होगी अपना घर सजाने की...

 

शमन जीने से जिंदगी बाज नही आएगा
घर से निकाला है तो मर नही जाएगा

 

बड़े अनुभव कामये है मैने दुनिया में
बात वही आयी है कुछ कर गुजरने की.....

एक लगन लगी है खुद को आजमाने सी
ख्वाइशें हैं ख्वाईशो से ऊपर जाने की

 

बड़ी तकलीफ होती है उस मोड़ के बाद
जहां आदत है मुझको मुकर जाने की

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