आँख फड़क रही है कोई याद कर रहा है................74

 आज दर्द के इजाफे में कोई इजात कर रहा है

आज आँख फड़क रही है कोई याद कर रहा है

 

ना मुझे ना मेरी बात को करने दिया कभी
आज कई दिन से वही तो मेरी बात कर रहा है,

 

मुझ पर हुए हर जुल्म का गुनहगार वही है जो
आज वही मेरे केश की तहकीकात कर रहा है

 

गुलाम करवाया था मुझे आजाद करने के लिए
अजीब सियासत है वो मुझे आजाद कर रहा है

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