सुकून पल भर का चैन उड़ा ही जाता है .....................87

 

 कोई न कोई उसकी याद दिला जाता है

सुकून पल भर का चैन उड़ा ही जाता है

 

धीरे चलूँ तो अक्सर भटक जाता हूँ मैं
तेज चलूँ तो रास्ते मे आसमान आ जाता है

 

रास्ता देखूं तो उसके पैर के निसान दिखते
ऊपर देखूं तो उसका चेहरा नजर आता है

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