बात कहने की आयी तो हम सब कहेंगे।..................131





 बात कहने की आयी तो हम सब कहेंगे।

तब का तब कहा है अब का अब कहेगे।


चलो आज छोड़ते है कुछ अधूरी बातें

अगले जन्म मिलना तो बैठकर करेंगे।


हम बातें तुम्हारे अलावा किस्से करेगे।

तुम्हारे बिना हम ऐसे कब तक चलेंगे।


पेड़ नदी तालाब फूल और रास्ते मिलेंगे।

वो तुम्हारे बिना न जाने कैसे लगेगें।


हवा बदलेगी और ये बादल छटेगें

सब अपने अपने ख़ुदा की बाते करेंगे।


तुम्हरा जिक्र आ भी गया तो हम

ख़ुद को गलत,अपनी गलती कहेंगे।


अधूरी कहानी का किरदार हो जरूरी 

तुम्हे अगली कहानी में पूरा करेंगे।


जिंदा रहना तो सिखा दिया है तुमने

अब ये भी तो बता दो कि कैसे जिएंगे।

No comments:

Post a Comment