आज बारिश हुई है
आज फिर कई आँसू बहे होंगे।आज अर्थी सजी हैआज फिर अरमान जले होंगेआज आग लगी हैआज फिर तो पानी जला होगाआज बून्द टपकी हैआज फिर आसमान चुआ होगाआज बात चली हैआज तो झूठ के किस्से चले होंगेआज बारिश..........
आज खाना खाया नहीआज तो बस चूल्हा ही जलाया होगाआज वो बीमार होगीआज फिर तो बैद को बुलाया होगाआज खुद सोई हैआज खुद को फिर जगाने लगी होगीआज जब सपना देखा होगाआज सपने में भी याद आने लगी होगीआज परेशान हैंआज फिर दीपक बुझा दिए होंगे
आज बारिश.....
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