उसके संग हँसे हर पल का कर्ज अदा करना पड़ा...............98

 उसके संग हँसे हर पल का कर्ज अदा करना पड़ा

कुछ सर्द बीती सर्दी कि मुझे उम्र भर जलना पड़ा

 

बड़े अमीर आदमी हो जो उसकी छांव में बैठे हो  
मैं छाँव में गया ही था और मुझे चलना पड़ा

 

 सहेज हुआ रखा था मैं वर्सो से और फिर 

तुमने छुआ क्या! और मुझे खुद से उलझना पड़ा


लाखों लोग रोये होंगे किनारे पर बैठकर मेरी तरह
ये मीठे पानी का समंदर ऐसे ही नही खारा पड़ा

       

        एक दिन सुुुबह जगा तो दे अचानक देखा 

चाँद जमीन पर था और वहीं पर सितारा पड़ा।


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