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याद तेरी फिर भी_आएगी।
चलते चलते रह_जाऊँगा।
याद तुझे फिर भी_आऊंगा।
देश मे होली का_मौसम
सरहद पर गोली का_मौसम
पूण्य समय है अर्थ वीर_का
देश की रक्षा करे नीड़_सा
असहनीय पीड़ा से बढ़_कर
डटे हुए सिमा पर लड़कर
अधम धधक पौरुष से अड़_कर
सरहद पर होली हो जाएगी।
जलते जलते जल.............
गली गोपचे रंग छा_रहा
चुनाव भी नजदीक आ_रहा
आने वाले सब आये_है,
सब की इतने कब आए_है।
गांव में मैं जब भी आया_ हूँ ।
साये के संग मिल पाया_ हूं।
जाति कुजाति एक संग_ है
मिल मिल कर मिल गए रंग_ है
लिए हुए रंग कोई प्यार _का
जीत का कोई ले रहा मजा हार_का
ऋतु बसन्त की हवा_दीवानी,
हो भांग मिली इतनी_मस्तानी।
ये संग मुझको भी ले_जाएगी।
जलते जलते जल...........
मैं इठलाता बलखता_सा
चल दिया तनिक किन्तु रुका_सा
हर्षित मन में सोच रहा_था।
सोच रहा वह पूर्व व्यथा_थी
फिर उमंग की लहर दौड़_गयी,
ज्यों नदी पुराना खेत छोड़_गयी।
मैंने डाला रंग में_अमीर,
बालो में रगड़ा थोड़ा_समीर।
मैं दौड़ा जहां बैठी_भौजी
ज्यादा प्यारी थोड़ी मन_मौजी।
रंग उड़ाया मला_गुलाल
मन मे न रह गया_मलाल
स्मृति थी स्म्रति रह_जायेगी।
जलते जलते जल............
घर मे मैं सबसे_छोटा हूँ
छोटा की इतना_छोटा हूँ
गलती में मैं ही_होता हूँ,
गुस्से में ज्यादा_हँसता हूँ।
फिर भी जो मुझे _मिला है,
उसका मुझको सिर्फ_गिला है।
जो मिला मुझे कोई मोल_ नही
अब मेरे जीवन मे और_नही
हो गया हठी खुद ही_खुदपर
नही विजय अपने ही_मनपर
जो जोड़ा था उसका तोड़_नही
अब में...................................*************
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