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लोग हॉथ बांध कर इज्जत से दिल खोल दिया करते है।
यहां पर नौकरी, पैसो या उम्र से इज्जत नही मिलती।
बस रिस्तो के नाम पर ही सब लोग प्यार दिया करते है।
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मेरी बातों में मेरा कोई हुनर नही है।
यहाँ दूर तक कोई भी सजर नही है।
अब इसी तरह चलना रहेगा जारी
जिंदगी में मेरी कोई भी अगर नही है।
यहाँ दूर तक कोई भी सजर नही है।
अब इसी तरह चलना रहेगा जारी
जिंदगी में मेरी कोई भी अगर नही है।
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नाकाम सा अव्यावसाय सबसे छुपाने का किया करता हूं,
मैं खुद को खुद से बचाने की कोसिस किया करता हूँ।
मैं खुद को खुद से बचाने की कोसिस किया करता हूँ।
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जिसका कोई नही मैं उसके सर का ताज हूँ,
बीत गया था कल मैं फिर भी मैं आज हूँ,
अंदाज कोई कैसे लगाए बुनियाद शमन की
जब मैं सब कुछ कह दूं तब भी मैं राज हूँ।
बीत गया था कल मैं फिर भी मैं आज हूँ,
अंदाज कोई कैसे लगाए बुनियाद शमन की
जब मैं सब कुछ कह दूं तब भी मैं राज हूँ।
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पहली बार नही हर बार हुआ है
उसे हर तीसरे से प्यार हुआ है
बहुत लोग आए हैं इस आग चपेट में
शमन पहला नही जो बेजार हुआ है
मुझको भी उसी से प्यार हुआ है
उसे हर तीसरे से प्यार हुआ है
बहुत लोग आए हैं इस आग चपेट में
शमन पहला नही जो बेजार हुआ है
मुझको भी उसी से प्यार हुआ है
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बच्चों के साथ रैगिंग
अपनो के साथ चैटिंग
दूसरे के माल के साथ सैटिंग
शमन का attidude नही है।
अपनो के साथ चैटिंग
दूसरे के माल के साथ सैटिंग
शमन का attidude नही है।
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एक बात पर 1 घंटा गाली देने की क्षमता रख लेता हूँ।
अब कोई कुछ भी कहे सब सह लेता हूँ।
बदली कुछ ऐसी फितरत-ए-शमन की
जिस बात पे रोना उस बात पे भी हंस देता हूँ।
अब कोई कुछ भी कहे सब सह लेता हूँ।
बदली कुछ ऐसी फितरत-ए-शमन की
जिस बात पे रोना उस बात पे भी हंस देता हूँ।
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ओ अपने है उन्ही में हमारी जान है।
लड़ाई किस-किस से करें सब परेशान है।।
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लड़ाई किस-किस से करें सब परेशान है।।
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दुनियां को चाल-ओ-चलन सिखाना हमे भी आता है,
शिर्फ़ मोहब्बत-ए-तराने गाना हमे भी आता है।
गैर होते नही होते क्योंकि
जर्जर तकदीर-ए-रिस्ते निभाना हमे भी आता है।।
शिर्फ़ मोहब्बत-ए-तराने गाना हमे भी आता है।
गैर होते नही होते क्योंकि
जर्जर तकदीर-ए-रिस्ते निभाना हमे भी आता है।।
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आज तेरे न होने से सुरुआत न हुई मेरी,
और फोन करने की भी औकात न हुई मेरी।
दिनों में बादशाहत चलती है शमन की
पर ये कमज़र्फ अभी तक रात न हुई मेरी।
और फोन करने की भी औकात न हुई मेरी।
दिनों में बादशाहत चलती है शमन की
पर ये कमज़र्फ अभी तक रात न हुई मेरी।
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ये हालात पैदा करने वाले हाल पुछते है।
कैसे गुजरा पूरा एक साल पूछते है।
मैं हारा था जिस गलती से पिछली बार
वो फिर से मेरी अगली चाल पूछते है।
कैसे गुजरा पूरा एक साल पूछते है।
मैं हारा था जिस गलती से पिछली बार
वो फिर से मेरी अगली चाल पूछते है।
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लोगों की जितनी बड़ी पूरी कहानी होती है ना
उतना बड़ा शिर्फ़ मेरा एक पल का किस्सा है।
लेकिन उसके कुछ पल की बातें इतना छू गयी
मेरी सारी जिंदगानी उसके एक पल का शिर्फ़ हिस्सा है।
उतना बड़ा शिर्फ़ मेरा एक पल का किस्सा है।
लेकिन उसके कुछ पल की बातें इतना छू गयी
मेरी सारी जिंदगानी उसके एक पल का शिर्फ़ हिस्सा है।
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