सब कुछ मजाक में लेना
किसी से कुछ कहना हो
उस बात को भी भूल जाना
देर से जगना देर से सोना
हर बात सहम कर देर से कहना
कुछ कुछ कहना कुछ न कहना
जिससे बातों का घुटकर रह जाना
महंगा पड़ा देर कर देना
सिर्फ आज का सोचा
या कल के बाद का सोचा
कल क्या भूल रहा था मैं
शमन" थोड़ा दे से सोचा
ये सोच कहाँ रुक जाए
और दिल को कहाँ से चलना
महंगा पड़ा देर कर देना
न फेल हुआ मैं
न गाड़ी छूटी मेरी
न एक्सीडेंट बचा मेरा
न टूटा ख्वाब रचा मेरा
ये देर से पहुंचना मंजिल पर
सारा जीवन बंजारा कर देगा
क्या शौक बचे है मेरे
आँख मूंद कर रो लेना
पैर फैलाकर सो जाना
महंगा पड़ा देर कर देना
वो न जाने कितना जाड़ा पड़ा
बदल रोये और कोहरा भी पड़ा
फिर सूखे इस तरह से ताल भी
शमन" समन्दर था जिसमे सूखा पड़ा
महंगा पड़ा उसका जल्दी चले जाना
महंगा पड़ा बादल देर से आना
बहुत कुछ से फर्क नही पड़ता पर अबकी
महंगा पड़ा देर कर देना
वहुत महंगा पड़ा देर कर देना
बहुत...........
महंगा पड़ा देर कर देना.......158
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