1.लाशों पर बुनियाद रखकर हस्ती नही बनाऊंगा
भूखा मर जाऊंगा पर पेड़ काट कर कस्ती नही बनाऊंगा
2.ना दायरे कम है ना बुलंदियां कम जमीन परगिरेबाँ तक वही पहुंचे जो कभी थे आस्तीन पर
बड़े दिनों के बाद ज़मीन पर बैठा हूँ आजयहां से भी अपनी औकात है बहुत हसीन पर
3.सिर्फ भीगने से गीले नही होतेकुछ बारिशें अपना रंग छोड़ती हैं
4.दरम्यां फासले होते तो फर्क न ही पड़तानजदीक बढ़े तो जमाने का असर बढ़ता गया
मैं रास्तों में मजा लेते बेझिझक बढ़ता गयातू बढ़ा तो मुझ पर काटों का असर बढ़ता गया
5.न तुमने सुना न मुझे कह पाना आयाबस जगे ही और साम को होना आया
मेरी आँखों मे किसी और आंशू आयेतेरी बातों में किसी और का रोना आया
6जंगल तो बहुत मिले, मगर मुझ सा वन नही आयामौसम तो वही फिर आये,पर वो सावन नही आया
7.नींव पुरानी सीधी है परये दीवार तिरछी हो रही
यह करने वाले कहतेये बात अच्छी हो रही है?
8.भूल भी जाओ तो तुम सामने मत आनासामने से तुम मेरा समना नही कर सकते
9.मैं आसमान हूँ यहाँ तक कोई परिंदा नही आयामेरे अरमान अधूरे है यहाँ कोई जिंदा नही आया
10,ये मोहब्बत फिर ये हिज्र का मंजरप्यार की बातें फिर बात का कंजर
11.किसी ने कहा प्यार में सब करना जायज हैदुनियाँ की नज़रों में गिर जाना भी जायज है
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