#ईद #eed #sad shayri................3

न मिलने सा मिलना, दूरी सी दूर मिली
तन्हाई जो न मिलनी थी वो मुझको खूब मिली

 

लोग मिलते है जैसे अब की ईद 'शमन"
मुझको ऐसे ही सब दिन महबूब मिली
                           -shman

No comments:

Post a Comment