और हम अकेले....... 11

रिस्क हैं इश्क की और हम अकेले
शोर है हर तरफ और हम अकेले
जंग जारी हर सम्त और हम अकेले
हर तरफ है अंत और हम अकेले
नोक है यंत्र की और हम अकेले
झोंक जादू मन्त्र की और हम अकेले

लोगों की बात है और हम अकेले
चक्रव्यूह घात है और हम अकेले
कई दिन की रात है और हम अकेले
चल रहे साथ हैं और हम अकेले
खुश अपने आप हैं और हम अकेले

वादों की बेड़ियाँ और हम अकेले
बातों की कैंचियाँ और हम अकेले

न्याय दाता मन्द हैं और हम अकेले
रोकने को फंद है और हम अकेले
रूढ़ियों के छ्न्द हैं और हम अकेले
सौ तरह के दंड हैं और हम अकेले
खुद में ही बंद है और हम अकेले

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